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मै हूँ करोना ?

मैं मौत की सौदागर मेरा नाम है कोरोना सम्पर्क में जो आये, पड़े जां से हाथ धोना। वुहान में मैं जन्मी, “मृत्यु मेड इन चाइना”। हूं ऐसी महामारी जिसकी दवाई कोई ना। मैं मौत की सौदागर मेरा नाम है कोरोना।। विश्व स्वास्थ्य आपदा की, बनी मैं हूं कारण। वायवीय सम्पर्क से, पाती हूं मैं विस्तारण।। सावधानी बरतने से होता मेरा निस्तारण। निरोधक क्षमता वाले रोकते प्रसारण।। दूराव बनाये रखिए, एक से दूसरे को हो ना। मैं मौत की सौदागर मेरा नाम है कोरोना।। मैं कोविद-19, बहन फ्लू से मिलता लक्षण। हो कुछ भी समरूपता, जांच कीजिए तत्क्षण भयाक्रांत मुझसे दुनिया विकरालता के डर से यात्राएं स्थगित, लोग निकलते कम घर से। अफ़वाहों से बचें, अर्थव्यवस्था लचर हो ना।। मैं मौत की सौदागर मेरा नाम है कोरोना।। भारतीयों को कर पाती नहीं सम्मोहन। उनकी जीने की शैली, रोकते अवरोहण।। तापमान भारत का, वायरस. अवरोधी। स्वास्थ्य जागरूकता, संक्रमण विरोधी।। सतर्क संवेदी रहकर, मुझे दूर करो ना। मैं मौत की सौदागर मेरा नाम है कोरोना।। दहशत में दुनिया, मेरे यारी के चलते। हाथ मिलाने से डर कर करते नमस्ते।। रहन सहन भारतीयों का स्वच्छ सर्वोत्तम। खान-पान, ...

मेरी सोच

आखिर अपनी औकात दिखा गये लोग... End For End

आज हम और हमारी सोच

टूट चूका हूँ बिखरना बांकी है..... बचे कुछ एहसास जिनका जाना बांकी है... चंद सांसें है जिनका आना बांकी है... मौत रोज मेरे सिरहाने खड़ी हो पूछती है... भाई आ जा अब क्या देखना बांकी है I...

जिंदगी...

"सोचता हूँ, की कमी रह गई शायद कुछ या जितना था वो काफी ना था, नहीं समझ पाया तो समझा दिया होता या जितना समझ पाया वो काफी ना था, शिकायत थी तुम्हारी के तुम जताते नहीं प्यार है तो कभी जमाने को बताते क्यों नहीं, अरे मुह्हबत की क्या मैं नुमाईश करता मेरे आँखों में जितना तुम्हें नजर आया, क्या वो काफी नहीं था I सोचता हूँ के क्या कमी रह गई, क्या जितना था वो काफी नहीं था I"